वैज्ञानिकों द्वारा किए गए रिसर्च के अनुसार आम की लकड़ी से कार्बन डाइऑक्साइट अन्य लकड़ी की तुलना में कम मात्रा में निकलती है। साथ ही ये अधिक ज्वलनशील होती है। रिसर्च में ये भी पाया गया है कि आम की लकड़ी जलने से इसमें फॉर्मिक एल्डिहाइड नामक गैस निकलती है, जिससे कई तरह की बैक्टीरिया और जीवाणु मर जाते हैं।
यह रिपोर्ट एथ्नोफार्माकोलोजी के शोध पत्र (research journal of Ethnopharmacology) में दिसंबर 2007 में छप चुकी है। रिपोर्ट में लिखा गया कि हवन के द्वारा न केवल मनुष्य बल्कि वनस्पतियों एवं फसलों को नुकसान पहुचानेवाले बैक्टीरिया का भी नाश होता है। साथ ही इससे फसलों में रासायनिक खाद का प्रयोग कम हो सकता है।
हिंदू धर्म में निम्न अवसरों पर हवन किए जाने की परंपरा है…
गृह शांति
भारत में लोग किसी भी नए स्थान पर प्रवेश करने से पहले गृह शांति करवाना शुभ मानते हैं। इसलिए यहां जब
भी कोई व्यक्ति नया ऑफिस, दुकान या फिर नया घर खरीदता है तो उसमें प्रवेश करने से पहले हवन किया जाता है ताकि उस जगह का शुद्धिकरण कर नकारात्मक ऊर्जा को दूर किया जा सके।
बच्चे के जन्म पश्चात
परिवार में बच्चा पैदा होने पर ग्रहों की शांति के लिए हवन किया जाता है ताकि उस बच्चे के जीवन में किसी प्रकार
की बाधाएं ना आएं।
विवाह
हिन्दू धर्म में शादी-विवाह हवन के माध्यम से पूर्ण किए जाते हैं। अग्नि के 7 फेरे लेकर शादी के बंधन को
पवित्र किया जाता है।
मृत्यु पश्चात आत्मा की शांति हेतु
अगर किसी परिवार में कोई मृत्यु हो जाए तो उस मृत व्यक्ति की आत्मा की शांति के लिए हवन किया जाता है।
सत्यनाराण की पूजा के दौरान
घर की शुद्धि के लिए या मन की शांति के लिए घरों में भगवान सत्यनारायण की कथा कराई जाती है। इस दौरान हवन किया जाता है और आम की लकड़ियों के धुएं से घर के वातावरण को पवित्र बनाया जाता है।